शनिवार, 20 मार्च 2021

आह: रे प्रधानी आई aah re pradhani aayi

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         आह: रे प्रधानी अाई!
पहले ने कहा।
          हमने सहा।।
अबकी बार फिर,
जिताओ भाई।
           पहली बार हुआ नहीं जो,
           इस बार हो जाई।।
गलती के मांगे दुहाई,
हमके वोट दिया भाई।
            आह: रे प्रधानी अाई!


दूसरे ने कहा।
            कई बार कहा।।
सेवा का अवसर दो एक बार।
            करेंगे आपका उद्धार।।
हम बेईमान नहीं,
ईमानदार हैं।
             पढ़ लिखकर हुए,
             समझदार हैं।।
आपकी चिंता करेंगे।
              करेंगे वही,
              जो आप कहेंगे।।

आह: रे प्रधानी अाई!


शौचालय, राशन कार्ड और कालोनी
एक एक के मिल जा ई।
               यही सुनत में उम्र बीत गई,
               तरक्की नहीं हो पाई।।
आह: रे प्रधानी अाई!


ग़रीबों के लिए लड़ते लड़ते।
कब अमीर बन जा ई,
कोई न जाने भाई।
                पगार इतना कम प्रधानी में,
                फीरभी इतनी लड़ाई।।
आह: रे प्रधानी अाई!




                - प्रदीप सुमित -




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